|| सर्व विजयी हिन्दू पुत्र राष्ट्रधर्म आराधना ||

23-07-2020

देश के अंदर छुपे हुए मौलाना साद को नहीं ढूंढने वाला भारत अपने दुश्मन अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को कैसे ढूंढेगा-पूछता है हिन्दू पुत्र

भारत की राजनीति में इससे पहले आजादी के बाद से अब तक तक जिस प्रकार से तथाकथित भाईचारे एकतरफा तुष्टीकरण का समन्वय मिश्रित किया गया उसका असर आज भी यथावत कायम है । यह बात साबित करती हैं तबलीगी जमातियों के मुखिया व कई f.i.r. जेल रहे मौलाना साद पर पुलिस की अब तक की कार्यवाही जिसमें टकटकी लगाकर देश केवल मूकदर्शक की भूमिका निभाता रहा और पुलिस व शासन केवल खानापूर्ति करके देश के एक जागृत वर्ग को खुश करने का प्रयास करते रहे। बताने की जरूरत नहीं की कोरोनावायरस का प्रचार और प्रसार कहां से हुआ और कैसे हुआ। देश का एक बड़ा वर्ग जानता है कि जब पुलिस और डॉक्टरों ने मिलकर एक बार को रोना को भारत ने घेर लिया था और खत्म करने के अंतिम चरण में थे तब वह कौन लोग हैं जिन्होंने इस महामारी को बेकाबू बना दिया और वह स्थिति इतने लंबे लाख डाउन के बाद भी नहीं सुधरी। स्थिति सिर्फ यही तक सीमित नहीं रही इसके बाद ऐसे कई लोग गिरफ्तार करके जेल भेज दिए गए जिन्होंने इस मामले में मौलाना साद व उसके साथियों की तरफ उंगली उठाई। इस देश में देवी देवताओं का अपमान वर्क इन पेंटिंग बनाने वालों को सम्मानित करते आप सब ने देखा होगा इस देश में भारत माता की जय बोलना भी जरूरी नहीं है लेकिन इस बीच में ऐसे कई लोगों पर एफ आई आर दर्ज हुई जिन्होंने तबलीगी जमात और मौलाना साद के खिलाफ बोला तो दूर अपनी सोशल मीडिया पर कुछ लिख भी दिया। और यह कार्यवाही केवल वामपंथी व स्वघोषित सेकुलर प्रदेशों में नहीं बल्कि उन प्रदेशों में भी हुई जिसे चला रहे लोग हिंदुओं की उम्मीद माने जाते हैं। खबरों में आता रहा कि मौलाना साद को दूसरी तीसरी और चौथी और पांचवी नोटिस भेजी गई। यदि एक तरफ देश यह आशा कर रहा है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां संभवत पाकिस्तान से दाऊद इब्राहिम तक को पकड़कर भारत लाए लेकिन इस प्रकार से मौलाना साद के मामले पर पर्दा और पानी दोनों डाला गया और कितने जनाक्रोश के बाद भी उसका बाल भी बांका नहीं हुआ ऐसे हालात में कहना गलत नहीं होगा कि मौलाना साद अकेले ही बहुत लोगों पर भारी है और कानून की धाराओं में संभवत उसके लिए वह कड़ी कार्यवाही का प्रावधान नहीं है जो इस बीच में अनुज बाजपेई व आचार्य सूर्य सागर जैसे लोगों ने झेली है।



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