25-05-2021
हिमंता बिस्वा सरमा ने गोरक्षा बिल का किया बचाव (फाइल फोटो)
असम में गोरक्षा के लिए बिल लाया गया है। इसका बचाव करते हुए राज्य के नए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोमवार (मई 24, 2021) को कहा कि जहाँ गोवंश की पूजा होती है और हिन्दू रहा करते हैं, वहाँ गोहत्या पर पाबंदी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दू गाय की पूजा करते हैं, इसीलिए गोमाँस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। उन्होंने असम विधानसभा में राज्यपाल के अभी भाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ऐसा कहा।
बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टी aiudf ने डर जताया कि प्रस्तावित बिल से मॉब लिंचिंग की घटनाओं में बढ़ोतरी होगी और ‘मुस्लिमों के खिलाफ जिस तरह की हिंसा काऊ बेल्ट (उत्तर भारत) में हो रही है’, वैसा ही असम में भी होने लगेगा। मुख्यमंत्री सरमा ने स्पष्ट कहा कि गाय हमारी माता है और नहीं चाहते है कि पश्चिम बंगाल से असम में गोवंश की तस्करी हो या जहाँ गायों की पूजा होती है, वहाँ गोमाँस का भक्षण किया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वो ऐसा नहीं कह रहे हैं कि सभी लोगों को अपनी स्वाभाविक आदतों को छोड़ देना चाहिए। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में गोरक्षा के लिए पहले ही कानून बनाए जा चुके हैं। तीनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार है। असम के सीएम ने यूपी के दारुल उलूम के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उसने भी हिन्दुओं के रहने के स्थान पर गोहत्या न करने की बात कही है। यहाँ मामला संवेदना से जुड़ जाता है।
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, “इसकी कोई ज़रूरत नहीं है कि गुवाहाटी के फैंसी बाजार, गाँधीबस्ती या शांतिपुर में ‘होटल मदीना’ की मौजूदगी हो क्योंकि यहाँ हिन्दू रहते हैं और मामला संवेदनशील हो जाता है। जहाँ मामला संवेदनशील नहीं है, वहाँ स्वाभाविक या व्यक्तिगत आदतें जारी रहनी चाहिए।” उन्होंने दावा किया कि सरकारी नीति के ‘डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स’ में ही बताया गया है कि गोहत्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वो लोगों से अपील करते रहेंगे कि वो धीरे-धीरे बीफ के लिए गोहत्या छोड़ें।
उन्होंने असम में बदलाव के लिए aiudf विधायकों का भी समर्थन माँगा। 15वें असम विधानसभा के पहले सत्र को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जगदीश मुखी ने भी कहा कि लोग गाय का सम्मान करते हैं और पूजा करते हैं, इसीलिए राज्य सरकार गोरक्षा के लिए अगले सत्र में नया बिल लाने जा रही है, जिससे राज्य से बाहर गायों की तस्करी किए जाने पर रोक लगेगी। असम का मौजूदा कानून कहता है कि वेटेनरी अधिकारी द्वारा 14 से अधिक उम्र वाले गोवंश की बीफ के लिए हत्या की जा सकती है, लेकिन इसके लिए पहले प्रमाण-पत्र प्राप्त करना पड़ेगा।
भाजपा विधायक मृणाल साइका ने कहा कि हमारा गायों के साथ धार्मिक जुड़ाव है, इसीलिए हिन्दू बहुल इलाकों में न तो उनकी हत्या की जानी चाहिए और न ही कॉस्मोपॉलिटन क्षेत्रों में बीफ की खुलेआम खरीद-बिक्री होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ये गोहत्या विरोधी बिल नहीं, बल्कि गोरक्षा बिल होगा। उन्होंने दूध के साथ-साथ गोबर व गोमूत्र के महत्व की बात करते हुए कहा कि असम में यूपी, बिहार और बांग्लादेश से गायों को लाकर तस्करी की जाती थी, जो बंद होनी चाहिए।
भाजपा विधायक जयंत मल्ला बरुआह ने कहा कि हम गाय को माता कह कर पूजा करते हैं, हम गोहत्या और बीफ की खरीद-बिक्री को बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच ये है कि गाय के ट्रांसपोर्टेशन के नाम पर तस्करी नहीं होनी चाहिए। हालाँकि, aiudf का सवाल है कि गोवा, मिजोरम और मणिपुर में सत्ता में रहने के बावजूद भाजपा ऐसा विधेयक लेकर क्यों नहीं आ रही है? उन्होंने कहा कि ऐसे बिल से सामाजिक तानाबाना बिगड़ेगा।
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