हम भाग्यशाली हैं जो भगवान ने मुझे हिंदू कुल में जन्म दिया है। सब कुछ उनका है इसलिए हम उनको आभार भी क्या व्यक्त करें। हाँ अगर मालिक की कृपा हुई तो हम हिंदुओं की सेवा कर हम अपना कर्म निभाएंगें।
- राजीव ब्रह्यर्षि
मेरी नजर में:-
इतिहास में हमारे सनातन संस्कृति व हमारी मातृभूमि को जिस विचारधारा ने नुकसान पहुँचाया है और वर्तमान में जो तुष्टीकरण की राजनीति से हमारे आर्यावर्त का जो नुकसान हो रहा है। ऋृषि-मुनियों संत महात्माओं, गौ, गीता, गंगा, गायत्री, वेद, पुरणों के द्वारा जिन्हें पहचानी जाती थी। उस हिन्दुस्तान को पश्चात्य प्रपंच के द्वारा समाप्त कर विकृत लोभी, भोगी, मानसिकता वाले इंडिया को खड़ा करने का प्रयास हो रहा है। जिसका दुष्परिणाम भविष्य में भारत का विखंडन होना संभव दिखाई दे रहा है। जिससे यहाँ के स्थानीय हिंदुओं की भविष्य के प्रति जो गहरी विपदा की स्थिति दिख रही है और जिसमें सहायक हमारे हिन्दू नेता ही सिद्ध हो रहे हैं। जिनके द्वारा राजनैतिक क्षलावा के तहत हिन्दू राष्ट्रवाद से समझौता कर विकासवाद की कपोज कल्पना दिखलाई जा रही है।
जिसे हमारे निश्छल हिंदू जन मानस भौतिक सुख संपदा को लालायित होकर क्षणिका सुविधा के मायाजाल में फँसते जा रहे है। जिससे अपने शुद्ध-शाश्वत संस्कारित, पौराणिक, सामाजिक संरचना नैतिक बौद्धिकतावादी प्रवृति का त्याग कर मूल्यहीन तथाकथित विकासवादी होने का दम्भ भड़ रहे हैं। जबकि यर्थाथतः हम खुद अपनी हीं हाथों अपनी तपस्वी पूर्वजों के द्वारा रसाई बसाई वैदिक सामाजिक जीवन पद्धति को तिलांजली दे रहें हैं।
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