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21-07-2020

चीन का रोना वापस चालू: कुल 7 चीनी कम्पनियों को चिह्नित करने पर गुस्से से कहा -इंडिया को ही होगा नुकसान

ड्रैगन का डांस ,चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (pla) के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लिंक वाली भारत में काम कर रही सात चीनी कंपनियों की पहचान की गई है, जिनमें हुवाई, अलीबाबा समेत 7 बड़ी कंपनियों के नाम शामिल हैं। ये उन 7 कंपनियों की सूची में शामिल हैं, जिनके खिलाफ भारतीय खुफिया सूत्रों ने रिपोर्ट दी है कि इन सभी के सम्बन्ध चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से जुड़े हुए हैं। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था को ऐसा करने से बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर इन कंपनियों को बंद किया गया तो भारत आर्थिक घाटे में चला जाएगा।ग्लोबल टाइम्स की इस हरकत पर सामान्य शब्दों में कहा जा सकता है कि तबाह भारत की अर्थव्यवस्था होगी फिरभी दर्द चीन को हो रहा है, बड़ी हास्यास्पद स्तिथि है।हाल में ही, गलवान घाटी में जारी गतिरोध के बीच भारत सरकार द्वारा चीनी सामान और चीन के बहिष्कार के मन्त्र को अब भारत के साथ ही अन्य बड़े देशों ने भी अपनाने का विचार किया है। ड्रैगन इससे डरा हुआ है। भारत को बर्बाद हो जाने की स्थिति बताकर अपने होने वाले नुकसान को छुपाने का प्रयास कर रहा है।भारत सरकार का कहना है कि फिलहाल कुछ कम्पनियों को चिन्हित किया गया है और इन पर क्या एक्शन लिया जाएगा, इस सम्बन्ध में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। ये सभी सातों चीनी कंपनियाँ मोबाइल और टेक सेक्टर से नहीं जुड़ी हैं, लेकिन इन्होंने भारत की विभिन्न इंडस्ट्रीज में विशाल स्तर का निवेश किया है।इनमें अलीबाबा, टेनसेंट, हुवाई, xindia स्टील्स लिमिटेड जैसे नाम भी शामिल हैं, जो भारत और चीन के बीच सबसे बड़े संयुक्त उपक्रमों में से एक माना जाता है। इसके अलावा, झिंगांग कैथे इंटरनेशनल ग्रुप – जिसने छत्तीसगढ़ में 1,000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ विनिर्माण सुविधा स्थापित की है और चीन इलेक्ट्रॉनिक्स प्रौद्योगिकी समूह निगम और saic मोटर निगम लिमिटेड भी शामिल हैं।अलीबाबा ने भारत के मशहूर भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में निवेश किया है, जिनमें पेटीएम, जोमेटो, बिग बास्केट, स्नैप डील, एक्सप्रेसबीज आदि शामिल हैं। वहीं, टेनसेंट ने बड़ा निवेश भारतीय टेक सेक्टर में किया है, जिनमें 400 मिलियन डॉलर का निवेश ओला कैब्स में और 700 मिलियन डॉलर का निवेश फ्लिपकार्ट में शामिल है। देखना है भारत के इस कदम से चाइना क्या करता है।

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