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09-08-2024

नितिन नवीन संबंधित मंत्री बिहार सरकार

बिहार सरकार का हिन्दू मंदिरों पर नजर देना होगा मंदिरों मठों का पूरा ब्यौरा

केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड का तो बिहार सरकार हिन्दू स्थलों का डाटा खंघाल रही एक तरफ जहां देशभर की नजरें केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर टिकी हैं. वहीं दूसरी तरफ बिहार में मंदिरों और मठों की अचल संपत्ति को लेकर नीतीश सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है. अब सभी मठ, मंदिर और ट्रस्ट को अपनी संपत्तियों का ब्योरा देना होगा.बिहार में सरकार ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि उनके जिलों में रजिस्ट्रेशन के बगैर संचालित हो रहे मंदिरों और मठों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य तौर पर हो ताकि उनकी अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के पास मौजूद रहे. इन मठों और मंदिरों का ब्योरा उनकी संपत्ति विवरण के साथ धार्मिक न्यास बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया जाना है.
बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड यानी बीएसबीआरटी राज्य सरकार के विधि विभाग के अंतर्गत आता है. विभागीय मंत्री नितिन नवीन के मुताबिक विधि विभाग ने बीते महीने ही इस संबंध में सभी जिलों के डीएम को लेटर जारी कर दिया था. सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया गया है कि वे सभी अनरजिस्टर्ड मंदिरों, मठों और ट्रस्ट का प्राथमिकता के आधार पर रजिस्टर्ड कराना सुनिश्चित करें. 

बीएसबीआरटी की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा डिटेल
जिलों के डीएम को यह भी कहा गया है कि सभी रजिस्टर्ड मंदिरों, मठों से उनकी अचल संपत्तियों का ब्योरा लेकर तत्काल बीएसबीआरटी को उपलब्ध कराया जाए, ताकि उसे वेबसाइट पर अपलोड किया जा सके. विभागीय मंत्री के मुताबिक राज्य सरकार का ये फैसला पुराना है, लेकिन वे इसे सख्ती के साथ अमल में लाना चाहते हैं.

सिर्फ 18 जिलों के मंदिरों का उपलब्ध है ब्योरा
अबतक केवल 18 जिलों ने ही बीएसबीआरटी को रजिस्ट्रेशन और संपत्ति का विवरण वाला डाटा उपलब्ध कराया है. आपको बता दें कि बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के मुताबिक बिहार में सभी सार्वजनिक मंदिरों, मठों, ट्रस्ट और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी के तहत रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है.

बिहार में ढाई हजार अनरजिस्टर्ड मंदिर
राज्य सरकार का मकसद है की रजिस्टर्ड मंदिरों, मठों और ट्रस्ट की संपत्तियों की जानकारी सार्वजनिक रहे ताकि गलत तरीके से इसकी बिक्री या खरीद करने वालों पर एक्शन लिया जा सके. सरकार को बीएसबीआरटी की तरफ से राज्य के 35 जिलों से जो आंकड़े मिले हैं इसके मुताबिक बिहार में तकरीबन ढाई हजार अनरजिस्टर्ड मंदिर और मठ हैं और उनके पास चार हजार एकड़ से ज्यादा भूमि है.

रजिस्टर्ड मंदिरों के पास 18 हजार एकड़ जमीन
बिहार के विधि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में रजिस्टर्ड मंदिरों की कुल संख्या तकरीबन 2499 है और उनके पास 18 हजार 456 एकड़ से ज्यादा भूमि हैं. आंकड़ों बताते हैं सबसे ज्यादा अनरजिस्टर्ड मंदिर और मठ वैशाली में हैं. आंकड़ों के मुताबिक वैशाली में 438, कैमूर में 307, पश्चिमी चंपारण में 273, भागलपुर में 191, बेगूसराय में 185, सारण में 154, गया में 152 अनरजिस्टर्ड मंदिर और मठ हैं..

विभागीय मंत्री नितिन नवीन के मुताबिक वह अन्य विभागों के साथ इसी महीने के आखिर में एक बैठक भी करने वाले हैं.इस बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. उनका मकसद है कि जो कानून राज्य में लागू है उसके तहत नियमों का पालन सभी मंदिर और मठ करें.

 साभार आजतक और हिन्दू पुत्र 

आखिर केवल मंदिर को ही क्यों? 

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