|| सर्व विजयी हिन्दू पुत्र राष्ट्रधर्म आराधना ||

17-08-2024

प्रतीकात्मक फोटो मदरसा

मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों को शिक्षा देने पर रोक

मध्य प्रदेश के भिंड, मुरैना, श्योपुर, रीवा सहित कई जिलों के मदरसों में सरकारी अनुदान हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। खुलासे के बाद श्योपुर के 80 में से 56 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है। अब मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने शिक्षा विभाग को राज्य के सभी मदरसों का भौतिक सत्यापन करने के लिए कहा है। हिंदू बच्चों उनका पंजीकरण रद्द होगा।

सत्यापन के दौरान किसी भी मदरसे में फर्जी तरीके से गैर-मुस्लिम या मुस्लिम बच्चों के नाम पाए जाते हैं या बच्चों को उनके अभिभावकों की अनुमति के बिना धार्मिक शिक्षा दी जा रही होगी तो उनकी मान्यता रद्द की जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने शुक्रवार (16 अगस्त 2024) को यह नोटिस जारी किया है। यह राज्य की मोहन यादव सरकार ने आदेश जारी किया है।

जारी आदेश में कहा गया है कि यह विषय राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) नई दिल्ली द्वारा संज्ञान में लाया गया है कि प्रदेश के मदरसों में शासकीय अनुदान प्राप्त किए जाने के उद्देश्य से अनेक गैर मुस्लिम बच्चों के नाम फर्जी रूप से छात्र/छात्राओं के रूप में दर्ज हैं। इसका शीघ्र सत्यापन कराए जाने की जरूरत है। 

स्कूली शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट जल्द देने को निर्देश दिए हैं। गैर-मुस्लिमों को शिक्षा देने या मुस्लिम बच्चों के नाम फ़र्ज़ी तरीके से दर्ज करने या किसी भी धर्म के बच्चे को बिना अभिभावकों की अनुमति के दीनी तालीम देने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि इस महीने के शुरू में मध्य प्रदेश के भिंड, मुरैना, श्योपुर, रीवा आदि जिलों के मदरसों में सरकारी अनुदान हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का पता चला था। मदरसों की रजिस्टर में फर्जी तरीकों से अधिक से अधिक बच्चों का नामांकन दिखाया गया था। इनमें कई हिंदू बच्चे भी शामिल थे। खुलासे के बाद श्योपुर के 80 में से 56 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, जिन हिंदू बच्चों का दाखिला मदरसे में दिखाया गया थे, वे सरकारी या प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते हैं। ये कभी मदरसा नहीं गए। इन बच्चों के माता-पिता को भी पता नहीं है कि उनके बच्चों का नाम मदरसों में दर्ज है। दरअसल, मदरसा संचालकों ने इन बच्चों की ‘समग्र’ आईडी जुटाकर मदरसे में फर्जी तरीके से एडमिशन दिखाया है। इस तरह यहाँ पढ़ने वाले छात्रों में मुस्लिमों से अधिक हिंदू हैं।

ये सारा मसला राज्य सरकार से मिलने वाले फंड को लेकर है। मध्य प्रदेश में सरकार की ओर से मदरसों में पढ़ने वाले 100 बच्चों के लिए हर महीने 50,000 रुपए से 60,000 रुपए तक की मदद दी जाती है। इसके अलावा भी मध्य प्रदेश की सरकार की ओर से इन मदरसों को कई अन्य तरह की मदद दी जाती है। इनमें शिक्षकों को तनख्वाह से लेकर अनाज भी शामिल है।

अगर किसी मदरसे में 100 बच्चे हैं और हर महीने उनकी उपस्थिति 70 प्रतिशत रहती है तो फि 2.10 क्विटंल गेहूँ, खाना बनाने के लिए 11440 रुपए, रसोइए को देने के लिए 4,000 रुपए का महीना जैसी सुविधाएँ मिलती हैं। इसके अलावा, इन मदरसों में पढ़ाने वाले स्नातक शिक्षक को 3000 हजार रुपए और पोस्ट ग्रेजुएट को 6,000 रुपए मासिक का वेतन मिलता है।

भिंड के बीटीआई रोड इलाके में संचालित मदरसा हुसैनी फॉर ऑनली गर्ल्स में कुल 77 बच्चे हैं, जिनमें 44% हिंदू हैं। भिंड के 11 महावीर नगर में बीटीआई स्कूल के पीछे अलीमुद्दीन के मकान में संचालित मदरसा दीन-ए-अकबर और हुसैनी प्रोग्राम फॉर ऑनली गर्ल्स में 83 विद्यार्थी हैं, जिनमें 53 प्रतिशत छात्र हिंदू हैं। भिंड के सुभाष नगर में संचालित मदरसा मस्जिद नवी में 87 छात्र हैं, जिनमें 44% हिंदू हैं।

अगर भिंड और मुरैना में मदरसों की बात करें तो इन मुरैना में 70 और भिंड में 67 मदरसे चल रहे हैं। दोनों जिलों के कुल 137 मदरसों में 3,880 हिंदू बच्चों के नाम अंकित हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी बुरहानपुर जिले की है, फिर भी वहाँ 23 मदरसे हैं। यह फर्जीवाड़ा अनुदान और मिड डे मील का अनाज एवं पैसा हड़पने के लिए किया जा रहा है।

वहीं, श्योपुर जिले के मदरसों में हिंदू बच्चों के नाम सरकारी मदद लेने के खुलासे के बाद मंगलवार (30 जुलाई 2024) को यहाँ से 80 में से 56 मदरसों पर यह कड़ी कार्रवाई की गई है। इनकी मान्यता रद्द कर दी गई है। इसके साथ ही स्कूली शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने सभी जिलों में संचालित मदरसों की भौतिक सत्यापन की जाँच में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

यहाँ कई ऐसे छात्र हैं, जिनका नाम साल 2004 में भी दर्ज था और फिर 2018 एवं 2023 में भी उनका शामिल किया गया है। यहाँ के मदरसे में छात्र के रूप में एक नाम मानव गोयल का भी है, जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। प्रिया मित्तल डॉक्टर हैं। ज्योत्सना गोयल भी डॉक्टर हैं। इनका भी नाम इन मदरसों में दर्ज है। ऐसे अनेकों नाम पर जिन पर सरकार से अनुदान और खाद्यान्न लिए जा रहे थे। साभार ऑप इण्डिया ,दैनिक भास्कर और राजीव ब्रह्मर्षी 

सहयोग करें

मित्रों इस्लामिक संगठन को पैसे की कमी नहीं है। उन्हें गल्फ कंट्री से डोनेशन(funding) प्राप्त होता है। इनसे लड़ने के लिए और हिन्दू विचारधारा की मज़बूती के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। जितना बन सके कृपया सहयोग करें।



Share this on:
More News

Post a Comment

Name:
Mobile Number:
Comment:


Comments: