|| सर्व विजयी हिन्दू पुत्र राष्ट्रधर्म आराधना ||

18-08-2024

दोषी को सजा दिलाने की मुहीम

दरिंदगी की इंतहा।डॉक्टर बेटी की हत्यारा नर पिशाच

कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल में हुए रेप-मर्डर केस में लगातार नई बातें सामने आ रही हैं. इस हत्याकांड से जहां एक ओर देशभर के डॉक्टरों में आक्रोश  है तो वहीं, अब सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले में सुनवाई की तारीख तय कर दी है. इसके इतर मृतका डॉक्टर की मां ने अस्पताल प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मृतका की मां ने बताया, "पहले हमें अस्पताल से फोन आया कि आपकी बेटी बीमार है, फिर फोन कट गया. उसके बाद जब  मैंने दोबारा फोन किया और पूछा कि क्या हुआ, तो उन्होंने मुझे अस्पताल आने के लिए कहा. जब हम अस्पताल पहुंचे, तो हमें हमारी बेटी को देखने की इजाजत नहीं दी गई. दोपहर 3 बजे हमें उसे देखने की अनुमति दी गई, तो उसकी हालत देखकर हम सन्न रह गए. मृतका की मां ने बताया, "पहले हमें अस्पताल से फोन आया कि आपकी बेटी बीमार है, फिर फोन कट गया. उसके बाद जब मैंने दोबारा फोन किया और पूछा कि क्या हुआ, तो उन्होंने मुझे अस्पताल आने के लिए कहा. जब हम अस्पताल पहुंचे, तो हमें हमारी बेटी को देखने की इजाजत नहीं दी गई. दोपहर 3 बजे हमें उसे देखने की अनुमति दी गई, तो उसकी हालत देखकर हम सन्न रह गए. 

मां ने बताया कि, उसकी पैंट खुली हुई थी, उसके शरीर पर केवल एक कपड़ा था, उसका हाथ टूटा हुआ था, और उसकी आंखों और मुंह से खून निकल रहा था. देखकर ही लग रहा था कि किसी ने उसकी हत्या कर दी है. मैंने उनसे साफ कहा कि यह आत्महत्या नहीं हो सकती. हमने अपनी बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए बहुत मेहनत की थी, लेकिन उसकी हत्या कर दी गई." 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आह्वान पर उन्होंने अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा, "मुख्यमंत्री ने कहा था कि अपराधी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है. एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन मुझे यकीन है कि इसमें और भी लोग शामिल हैं.

मुझे लगता है कि इस घटना के लिए पूरा विभाग जिम्मेदार है. पुलिस ने बिल्कुल भी अच्छा काम नहीं किया. मुझे लगता है कि इस घटना के लिए पूरा विभाग जिम्मेदार है. पुलिस ने बिल्कुल भी अच्छा काम नहीं किया. मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री विरोध को दबाने की कोशिश कर रही हैं, उन्होंने आज यहां धारा 144 लगा दी है ताकि लोग विरोध न कर सकें."

पुलिस आयुक्त (सीपी) के बारे में उन्होंने कहा, "उन्होंने हमारे साथ बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया, केवल मामले को जल्द से जल्द रफा-दफा करने की कोशिश की. उनकी कोशिश थी कि जल्द से जल्द पोस्टमॉर्टम कराकर शव को हटा दिया जाए." 

पीड़ित मां के इस बयान से पुलिस तथा प्रशासन पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. मामले की जांच को लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है, और इस घटना ने राज्य सरकार के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है. 

धन्यवाद आजतक और राजीव ब्रह्मर्षी 

सहयोग करें

मित्रों इस्लामिक संगठन को पैसे की कमी नहीं है। उन्हें गल्फ कंट्री से डोनेशन(funding) प्राप्त होता है। इनसे लड़ने के लिए और हिन्दू विचारधारा की मज़बूती के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। जितना बन सके कृपया सहयोग करें।



Share this on:
More News

Post a Comment

Name:
Mobile Number:
Comment:


Comments: