23-07-2020
हिंदुस्तान के जाने-माने सिनेस्टार रजनीकांत ने पेरियार वादियों के द्वारा भगवान मुरूगन जिन्हें भगवान कार्तिकेय भी कहते हैं उनके संदर्भ में एक अश्लोक को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था। स्कंद षष्ठी कवचम के संदर्भ में पोस्ट करते हुए रजनीकांत ने कहा करोड़ों तमिल वासियों का अपमान किया गया है। तमिल की सरकार का सराहना करते हुए रजनीकांत ने कहा कि सरकार की एक अच्छी पहल जिसके तहत आस्था को तार-तार करने वाले उस गलत वीडियो को सरकार के पहल से डिलीट कराया गया। उन्होंने यह भी कहा कि आए दिन हो रहे हिंदुओं के देवी-देवताओं के ऊपर इस तरीके की आपत्तिजनक टिप्पणी से हिंदू समाज आहत है किसी की भावना का आप इस प्रकार अनादर नहीं कर सकते।रजनीकांत ने कहा कि वे चैनल से वीडियो हटाए जाने के फैसले का भी स्वागत करते हैं। उन्होंने ओछी प्रयास को तुच्छ कृत्य बताते हुए कहा कि कम से कम अब धार्मिक घृणा और ईश्वर की निंदा बंद होनी चाहिए।उल्लेखनीय है कि हाल ही में करूप्पर कोट्टम, जो कि एक यूट्यूब चैनल है और एक पेरियारवादी संगठन द्वारा संचालित होता है, द्वारा निर्मित एक वीडियो में स्कंद षष्ठी कवचम का अपमान किया गया था, जिसके बाद भाजपा और विभिन्न संगठनों ने इस कृत्य की निंदा की थी।इस वीडियो के चर्चा में आने के बाद और लोगों के भारी विरोध के बाद राज्य पुलिस ने इस मामले में चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस संगठन ने भारी हंगामे के बाद इस वीडियो को अपने चैनल से भी हटा दिया और खेद व्यक्त किया।करुप्पार कूटम यूट्यूब चैनल के इस विवादित वीडियो में, विशेष रूप से, 64 और 92 के बीच छंदों का उपहास किया गया है। ये छंद भगवान स्कंद से शरीर के प्रत्येक भाग को सिर से पैर तक की सुरक्षा के लिए पढ़े जाते हैं।भगवान कार्तिकेय, जिन्हें कि तमिल में ‘मुरुगन’ कहते हैं, को तमिलों का देवता कहा जाता है और उनकी इस आराधना को निशाना बनाकर इस यूट्यूब चैनल का उद्देश्य तमिल हिन्दुओं की आस्था और पहचान पर हमला करना था।इस विवादित वीडियो में, करुप्पार कूटम, जो डीएमके-सहयोगी पेरियारवादी विचारकों के समर्थन पर आधारित है, ने इन छंदों के साथ अश्लील, अपमानजनक और बेहद घिनौने तरीके से छेड़खानी करते हुए शरीर के जननांगों को सुरक्षित करने की माँग की है, जो कि हिन्दुओं की आस्था को उपहास बनाने के उद्देश्य से किया गया। आपको बता दूं फिर यार समर्थक वे लोग हैं जिन्हें हिंदू देवी देवता और हिंदू धर्म से नफरत के साथ-साथ घृणा भी है वह पूजा पद्धति पर विश्वास नहीं रखते।वह हिंदू विरोधी माने जाते हैं
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